Ranjan Kumar

Ranjan Kumar

Founder and CEO of AR Group Of Institutions. Editor – in – Chief of Pallav Sahitya Prasar Kendra and Ender Portal. Motivational Speaker & Healing Counsellor ( Saved more than 120 lives, who lost their faith in life after a suicide attempt ). Author, Poet, Editor & freelance writer. Published Books : a ) Anugunj – Sanklit Pratinidhi Kavitayen b ) Ek Aasmaan Mera Bhi. Having depth knowledge of the Indian Constitution and Indian Democracy.For his passion, present research work continued on Re-birth & Regression therapy ( Punar-Janam ki jatil Sankalpanayen aur Manovigyan ). Passionate Astrologer – limited Work but famous for accurate predictions.

पसाकोलॉजी मैयाँ का पति, आखिर कितना बुड्ढा है… पसाकोलॉजी के पापा से बड़ा या दादा से ?

psakoloji bhauji

हमारी #पसाकोलोजि_भौजी के गांव में दुर्गापूजा दीपावली और छठ मनाने के लिए गांव के बहुत से लोग जो कहीं बाहर रह रोजी रोजगार कर रहे थे परिवार संग बाहर थे वो सब गांव आए हुए हैं तो अभी खूब रौनक…

तीसरा चरण, लोकसभा चुनाव का सबसे महत्वपूर्ण चरण

95 सीटों पर लोकसभा चुनाव के लिए तीसरे चरण का मतदान 07 मई को है और इसी चरण में बीजेपी को पिछले चुनाव में प्राप्त सभी सीटें अपनी बचाए रखना मुश्किल होने वाला है…2019 में इन 95 सीटों में से…

इस चुनाव परिणाम का सन्देश क्या है ?By Ranjan Kumar

मध्यप्रदेश में वोटिंग परसेंट बढ़ा था जिसे एक सामान्य आकलन में एंटी गवर्नमेंट मूव के रूप में मतदाता का रुझान जा रहा ये समझा जाता है वही इसका आशय समझा गया,लेकिन ये जमीन पर सच नहीं हुआ,वोटिंग परसेंट का यूं…

“सेक्शन 375” और “थप्पड़” जैसी फिल्में बननी चाहिए और लोगों को देखना चाहिए जो लकीर खींचे एक समाज में:By Ranjan Kumar

एक में पुरुष पर होते अन्याय तो दूसरे में नारी का न्याय के लिए संघर्ष पर दो बेहतरीन फिल्में “सेक्शन 375” और “थप्पड़” ! दो फिल्में देखी बहुत दिनो बाद पिछले दो दिनों में, एक फिल्म थी “थप्पड़” और दूसरी…

मेरे लिए तुम आओ:Hindi Poem By Ranjan Kumar

“मेरे लिए तुम आओ” सुनो जाना, प्रेम ने,प्रेम में,प्रेम को प्रेम से ही ये हक दे दिया, कि मैं तुझसे ढेरों सवाल करूं… कभी सारी की सारी बातें तुम्हारी मान लूं, बड़े प्यार से,खामोशी से, और कभी जिद पर उतर…

ऐसी कई शामें भी तन्हा गुजारी हैं हमने:Hindi Poem By Ranjan Kumar

सुनो जाना… ये जानते हुए भी, कि तुम मिलोगे नहीं, एक झलक भी तुम्हारी कहीं दिखेगी नहीं, इश्क में , इत्तेफाक की उम्मीद पर मुकम्मल इंतजार की ऐसी कई शामें भी तन्हा गुजारी हैं हमने…! ❤️❤️❤️ रंजन कुमार 27 Oct…

प्रेम खुद ब खुद एक दिन अपना रास्ता बना लेगा:Hindi Poem By Ranjan Kumar

कल रात लिखा था,जिसमें एक शिकायत थी उसमें एक तरफ से कि इश्क का इजहार और प्रेम का इकरार शब्दों में वो क्यों नहीं करते…अब उनका जवाब भी तो हमें दर्ज करना था…दूसरी तरफ का जवाब भी उतना ही खूबसूरत…

लबों से अपने”इश्क है” कभी बताते भी नहीं:Hindi Poem By Ranjan Kumar

लबों से अपने”इश्क है” कभी बताते भी नहीं वो अपनी उन खूबसूरत महकती सी,बोलती हुई बड़ी बड़ी आंखों में अपने , हमारे लिए निरंतर बहते इश्क के गहरे समंदर को, कभी छुपाते भी नहीं.., और उनकी ये कातिल जानलेवा अदा…

जब सुरमई शाम ढले,और दुनिया में शाम का वो पहला पहला दीप जले:Hindi Poem By Ranjan Kumar

सुनो जाना, हम चाहते हैं तुम धड़को, मेरे दिल की धड़कन बन के… हम चाहते हैं तुम महको, मेरी हर स्पंदन में हरसिंगार की खुशबू बन के….! तुम मेरे शब्द शब्द को अपनी उपस्थिति से महमहा दो… जीवन के अरण्य…