साथी तुम बांध सकोगे किसी बन्धन में मुझको
साथी!तुम बांध सकोगे ?किसी बन्धन में मुझको? मैं दूर गगन का मस्तमौला पंछी…परमहंसों की जमात सेबिछड़ा एक हंस… आवारगी में आ गया हूँभटकते तेरी दुनिया मे..तुम बाँध सकोगे,किसी बन्धन में मुझको साथी? रहने दो स्वछंद,जो मिल जाए,जितना मिल जाएप्रेम वह…