किसान आंदोलन को दिल्ली आने से रोकने के लिये की गयी सरकार की कार्यवाई निंदनीय है और एमएसपी से कम कीमत पर किसानों से खरीद दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा यह कानून बनाने में क्या दिक्कत है जब सरकार की नीयत साफ है ..?

कोंग्रेस ने भड़काया है किसानों को तो इतने बड़े बड़े बोल बोलनेवाले बीजेपी के मंत्री आज क्यों समझा नहीं रहे जाकर उनको ..? किस दड़बे में छुपे हैं बीजेपी के जननेता सब अभी? क्यों लोगो को आंदोलन करने का हक नहीं है?
और क्यों किसानों से संबंधित बिल पास करने से पहले देशभर में किसानों को पहले भरोसे में नहीं लिया गया ..क्यों नहीं इसपर व्यापक चर्चा हुयी बिल से पहले जब पहले के अनुभव से देखा था सरकार ने की नागरिकता कानून पर विपक्ष की राजनीति के कारण पूरे देश मे हिंसा फैली थी,तो इस बार भी विपक्ष राजनीति कर रहा का बहाना कर अपने दायित्व से इसलिए नहीं बच सकते कि आपने क्यों मौका दिया फिर से आनन फानन में बिल पास कर इनको किसानों को भड़का कर राजनीति करने का ..?
केंद्र की सरकार केवल हवा हवाई बात करने में सिद्धहस्त है,जमीन पर बुनियादी समस्याओं के समाधान में ये पूरी तरह से नाकाम हैं यह साबित होने लगा है जब हम देख सकते हैं कि रोजगारी, मंहगाई, कालाधन, भ्रष्टाचार किसानों की समस्याओं पर बीजेपी की मोदी सरकार कोई प्रभावी कदम नहीं उठा सकी अबतक, जबकि सरकार कार्यकाल के सातवें साल में है!
जुमलों से देश की समस्याएं नहीं समाप्त होंगी, और अफसोस है कि इनके पास जुमलों से ज्यादा कुछ है भी नहीं..न नीति न नीयत न कोई विजन ..! सरकार को सदबुद्धि मिले, देश ने दो दो बार भरोसा कर सत्ता में इस सरकार को बिठाया है पर ये धीरे धीरे नाकाम साबित होते जा रहे जब देश की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं!
– रंजन कुमार