मत पूछना कभी
किसी शाख पर,
ठहरे ओस की बूंद
से दर्द का मंजर,
आखिर कैसा लगता
होगा यूँ मुद्दतों
आसमां की
पलकों पर रहना..
और फिर
एक दिन बस,
यूँ ही अचानक इतनी
ऊंचाई से गिरना..!
– Vvk
मत पूछना कभी
किसी शाख पर,
ठहरे ओस की बूंद
से दर्द का मंजर,
आखिर कैसा लगता
होगा यूँ मुद्दतों
आसमां की
पलकों पर रहना..
और फिर
एक दिन बस,
यूँ ही अचानक इतनी
ऊंचाई से गिरना..!
– Vvk