बाबा नीब करौरी जी महाराज ने आज भी,जैसा की उन्होंने अपने भक्तों से कहा था तब कृपा की दरिया नहीं समन्दर कृपा की बहा रखा है इस धरती पर ! यह अलग बात है कि अधिकतर लोग इस कृपा के समन्दर में गोता लगाना नहीं जानते !
बाबा ने हनुमान जी की पूजा अर्चना को कलिकाल का सर्वोत्तम उपाय बताया था और यह भी बताया था की हनुमान जी के अचूक मन्त्रों के प्रयोग से हम अपनी सभी समस्यायों का समाधान पा सकते हैं !
तुलसीदास रचित सुंदर काण्ड के मंगलाचरण में वर्णित एक श्लोक के विशिष्ट प्रभाव को बाबा ने कई बार बताया था ! इस श्लोक को एक मन्त्र के रूप में प्रयोग कर इस प्रयोग से जीवन में आ रही सभी सांसारिक समस्यायों का हम अपने समाधान पा सकते हैं,!
इस मन्त्र में हर समस्या के समाधान की ताकत है और बस केवल हमें बाबा नीब करौरी जी पर और हनुमान जी पर आस्था और भरोसा रख उनसे प्रार्थना करनी है और पूर्ण विश्वास बनाए रखना है कि हनुमान जी हमे छुटकारा दिला देंगे ! ऐसा अखंड भरोसा शरणागत वत्सल श्री नीब करौरी बाबा द्वारा बताए हनुमान जी के अचूक मन्त्रों पर रखते हुए सदैव प्रार्थना करते रहना चाहिए !
गोस्वामी तुसीदास रचित श्री रामचरितमानस पंचम सोपान सुंदरकाण्ड के मंगलाचरण के तीसरे श्लोक में आठ विशेषणों द्वारा हनुमान जी की वंदना की गयी है ! अल्पसमय में अनेक हनुमानाष्ट्क पाठ करने हों तो प्रत्येक विशेषण में नमामि लगा दें ! इससे सरल तरीका और कोई दूसरा नहीं जिससे हनुमान जी को शीघ्र प्रसन्न किया जा सके !
मन्त्र है “अतुलितबलधामं स्वर्णशैलाभदेहं दनुज-बलकृशानुं ज्ञानिनामग्रग्न्य्म सकल गुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपति प्रिय भक्तं वातजातं नमामि “
अब आपको करना यह है कि हर नाम के पद में नमामि लगाकर प्रतिदिन की पूजा के बाद हनुमान जी के सामने 8 बार 28 बार या 108 बार पढना है आपको ! यह देखिये अब यह मन्त्र ऐसे हुया ..
अतुलितबलधामं नमामि !
स्वर्णशैलाभदेहं नमामि !
दनुज-बलकृशानुं नमामि !
ज्ञानिनामग्र गण्यम नमामि !
सकल गुणनिधानं नमामि !
वानराणामधीशं नमामि !
रघुपति प्रिय-भक्तं नमामि !
वातजातं नमामि !
आपके जीवन की हर परेशानी को यह अमोघ मन्त्र दूर कर सकता है ,आजमाकर देखें और अगर आपको फायदा हो तो अपनी प्रतिक्रया भी जरुर भेजें ! बाबा नीब करौरी जी महाराज के सभी भक्त आत्माओं को जय श्री राम जय श्री हनुमान ! सर्वे भवन्तु सुखिनः …!
– रंजन कुमार