ऐसी कई शामें भी तन्हा गुजारी हैं हमने:Hindi Poem By Ranjan Kumar

सुनो जाना…
ये जानते हुए भी,
कि तुम मिलोगे नहीं,
एक झलक भी
तुम्हारी कहीं दिखेगी नहीं,
इश्क में ,
इत्तेफाक की उम्मीद पर
मुकम्मल इंतजार की
ऐसी कई शामें भी
तन्हा गुजारी हैं हमने…!
❤️❤️❤️
रंजन कुमार 27 Oct 2023

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