मेरा होना अस्तित्व में
इसका प्रमाण है
मेरे मालिक,
तू भी यहीं कहीं
पास ही मौजूद है…!
किसी देश काल में
तू तो हो वहाँ पर मैं नहीं ..
ये तो संभव है….
पर मैं हूँ अस्तित्व में
और वहाँ तू न हो ..
ये कभी हो नही सकता..
ये तो बुद्धि की नादानियाँ है
तुम हो के भी सब जगह सबको
नजर जो नहीं आते …!
मेरा होना अस्तित्व में
इसका प्रमाण है
मेरे मालिक ,
तू भी यहीं कहीं
पास ही मौजूद है मेरे..!!
– रंजन कुमार