गर ख्याल हो तुम्हें
दोनों के हिस्से में
धूप बराबर हीं थी!
.
अपना कारवां इक
दूसरे के साथ भी
रुका था कुछ वक़्त
.
बस फर्क इतना था
कि तुम उम्र-भर
छावं की खातिर
पेड़ बदलते रहे,
.
और हम आज भी
अपनी हीं परछाइयों
के छावं में पूरा दिन
गुजार दिया करते हैं!
– Vvk