एक थर्ड क्लास आदमी के व्यक्तित्व का सबसे बड़ा दुर्गुण ये है कि जो उसे इज्जत देता है,जो उसे सही रास्ते पर बनाए रखने में सहयोग देता है वह उसी का मौका मिलते ही सामाजिक,आर्थिक,भावनात्मक सब प्रकार से उसका ही नुकसान करने में लग जाता है! उसका व्यवहार और मानसिकता उसके प्रति अच्छी भावना से मदद करनेवाले के प्रति सदा नीचता लिए ही होती है! जो सदा से उसका मददगार रहा हो,उसी को बार बार हर बार डंसता है ऐसा व्यक्ति क्योंकि वह उस आदमी से हमेशा कुंठित महसूस करता रहता है!
इसका भी कारण ये है कि उसके सामने वह अपनी डींगे हांक के बड़ा दिखने की क्षमता अपनी खो चुका होता है और जब वह खुद को अपने मददगार के सामने आँख उठाने लायक नहीं पाता है ,परन्तु वह चाहता जरुर है कि यहाँ आँख उठा सकूँ ! ये कुंठा हर समय उसके मन मष्तिष्क पर हावी हो जाता है, और उसे अपने मददगार के प्रति कृतज्ञ होने से उसी के मन का अन्तर्विरोध रोकने लगता है,और परिणाम में वह कृतघ्नता करना शुरू कर देता है … !
ऐसा व्यक्तित्व वाला आदमी हमेशा उसके सामने अपनी दुम हिलाता दिखता है जो उसके शोषण में लगा हुआ हो,जो उसके शोषण की फिराक में हो..!
उसे मालूम होता है कि ये मेरा शोषक है फिर भी उसके सामने दुम हिलाता मिलेगा क्योंकि उसे वह अपनी ही कैटेगरी में समझता है,जैसे चोर चोर मौसेरे भाई वैसे ही ऐसी ही मानसिकता वाले दो लोग जो एक दूसरे के शोषण की फिराक में हों वैसे ही मौसेरे भाई की तरह की आत्मीयता में दिखते हैं क्योंकि दोनो एक दूसरे को नोच खाने की जुगत में लगे होते हैं …!
अब आपके पास उचित रास्ता यही है कि जिसके व्यवहार की पहचान हो जाए कि यह थर्ड क्लास पर्सन है व्यक्तित्व से ही अपने तो उसके किसी कृतित्व पर भविष्य में भरोसा करना बंद कर दीजिए,और ऐसे को इग्नोर करना सुकूनदायक विकल्प है…ऐसे लोग अक्सर नमकहराम वाली कैटेगरी में आते हैं,जितना दूध पिलाएंगे इनमे उतना ही जहर बढ़ता जाता है…!!
रंजन कुमार 29 अगस्त 2023
हीलिंग काउंसलर,
Insight Spirituality