कल रात लिखा था,जिसमें एक शिकायत थी उसमें एक तरफ से कि इश्क का इजहार और प्रेम का इकरार शब्दों में वो क्यों नहीं करते…अब उनका जवाब भी तो हमें दर्ज करना था…दूसरी तरफ का जवाब भी उतना ही खूबसूरत है और प्रेम में निमग्न है…दोनो को मिलाकर पढ़ेगे एक के बाद दूसरा तो ज्यादा आनंद आएगा अब…
रंजन कुमार 30 Oct 2023
सुनो जाना,
प्रेम को इजहार की
और इश्क के इकरार की
मोहब्बत में,
कोई अनिवार्यता नहीं है…!
एक दिल कहीं
प्रेम की ताल पर,
इस कायनात में
जिस दूसरे दिल के लिए
कभी धड़कता है,
तो वह दूसरा दिल
बिना कहे सुने भी,
मौन में ही मुखर,
धड़कनों की ख्वाहिशों को
अपनी रूह में महसूसता है …!
इन धड़कनों को
प्रेम की ताल पर अभी यूं ही
दिल में धड़कने दो,
इश्क की चिनगारी को
शोला बनने दो,
अभी और भड़कने दो…!
जो तुम समझ चुके,
निगाहों की भाषा जब
निगाहों में मेरे पढ़ चुके
तो छोड़ो न फिर
रस्मों रिवाज पुरानी
प्रेम में प्रेम के
इजहार और इकरार की,
प्रेम को प्रेम ही रहने दो…
प्रेम की बहती नदी को
यूं ही निशब्द
अपने दरमियाँ बहने दो…!
प्रेम खुद ब खुद एक दिन
अपना रास्ता बना लेगा…
हमारा इश्क अगर इश्क है
तो एकदिन
रूठे नसीब को
और रब को भी मना लेगा ..!
❤️❤️❤️
रंजन कुमार 30 Oct 2023