lorn rama sketch

मेरे प्रकाशित काव्य संकलन “अनुगूँज संकलित प्रतिनिधि कविताएँ ” से यह विचारोत्तेजक और अबतक खूब सराही गयी कविता आपके लिए आज .. शीर्षक, ” राम पुत्र का आदर्श है पर पिता का आदर्श कौन ” ?

पुत्र हो श्रीराम जैसा ,
हर पिता की चाह है यह !
पर पिता का आदर्श क्या हो 
कौन हो, यह भी कहो ?

राम जैसे पुत्र को भी 
वनवास मिलना है तय 
समझ लो,
और भरत को राज्य भी 
राम की कीमत पर !

वह भरत तो न्यायी था,
लौटा दिया था राज्य भी 
जो अनधिकार उसको मिला !

आज के भरतों की कहानी 
है जुदा ,
हड़प लेगा राम का वह राज्य भी ,
और करेगा नेस्तनाबूद 
राम की सल्तनत !

राम को बनवास क्यों हो 
भरत के लिए ?
भरत मँझला पुत्र था,
मंझलो पर इतनी प्रीत क्यों ?

राम पुत्र का आदर्श है 
पर पिता का आदर्श कौन ?

पुत्र हो श्रीराम जैसा ,
हर पिता की चाह है यह !
पर पिता का आदर्श क्या हो 
कौन हो, यह भी कहो ?

– रंजन कुमार

Similar Posts