अद्भुत रहस्य है वह ,
परमात्मा …
उसे खोजने में
जो लगा जी जान से
वह खुद उसी में
खो गया !
किसी को
नहीं मिलता
वह आसानी से ,
जो उसे पाने चला
वह गया और
हमेशा के लिए
उसी में जा समा गया !
मिल जाये तो
बहुत पास ,
हर धड़कन में स्पंदित !
और न समझ आए
तो इतनी दूर …
जन्मों का सफ़र भी
दूरी मिटा नहीं पाती !
अद्भुत रहस्य है वह ,
परमात्मा …!!
– रंजन कुमार