Ranjan Kumar

Ranjan Kumar

Founder and CEO of AR Group Of Institutions. Editor – in – Chief of Pallav Sahitya Prasar Kendra and Ender Portal. Motivational Speaker & Healing Counsellor ( Saved more than 120 lives, who lost their faith in life after a suicide attempt ). Author, Poet, Editor & freelance writer. Published Books : a ) Anugunj – Sanklit Pratinidhi Kavitayen b ) Ek Aasmaan Mera Bhi. Having depth knowledge of the Indian Constitution and Indian Democracy.For his passion, present research work continued on Re-birth & Regression therapy ( Punar-Janam ki jatil Sankalpanayen aur Manovigyan ). Passionate Astrologer – limited Work but famous for accurate predictions.

मैं मेरा मित्र कर्ण और फादर्स डे

father's day

मैंने कुछ लिखने के लिए जैसे ही लैपटॉप खोला मेरे विचारों पर मेरे प्रिय मित्र कर्ण ने कब्ज़ा कर लिया…कहने लगा आज फिर मुझपर कुछ लिखो ! मैंने कर्ण से पूछ लिया आज पितृ दिवस है ….. मतलब की फादर्स…

यह राजनीति का संक्रमण काल है

Indian Parliament

यह राजनीति का भी संक्रमण काल है, सिर्फ गुमराह करने की राजनीति करने में लगे हैं सारे दल!कोई नेता भरोसेमंद नहीं यह इस वक्त की सबसे बड़ी सच्चाई है! जननेता काल के गाल में समा चुके हैं और सिर्फ गाल…

ये हाहाकारी दौर और भारत

Indian Flag

भारत चीन सीमा पर तनाव चरम पर है! अगर यह पहले झड़प और फिर भारत चीन युद्ध मे परिणत हुआ तो क्या यह विश्व युद्ध का भी कारण बनेगा क्योंकि कोरोना के लिए चीन को जिम्मेदार समझ उसकी साजिश से…

मन्दिर सूना सूना होगा भरी रहेगी मधुशाला – धरातल पर इस गीत के बोल जीवंत !

lockdown sharab ke theke

अनजाने में देश की अर्थव्यवस्था का बहुत नुकसान पहुंचा दिया मैंने पिछले कई सालों से यह ईमानदार स्वीकारोक्ति अब कर ही लूँ जिससे पाप कुछ कम हो जाए! एक तो मैंने खुद कभी दारू पीकर देश की अर्थव्यवस्था में कोई…

फूलों की महकती खिलखिलाती इस रसोई बगिया के आपके क्या कहने जनाब !

अल्पना जी को फूल बहुत पसंद हैं और फूलों को भी अल्पना जी बहुत पसंद हैं !यह कोई मजाक नहीं है जनाब ..मैंने महसूस किया है की बिना हवा के भी अल्पना जी के पहुंचते ही फूल खिलखिला उठते हैं…

HINDI POEM : तुलना तेरी बबूल से फिजूल है !

तू एक लता है,सहारे से दरख्तों पर सवार हो ऊचांई पर अपनी बेवजह इतराता है… मैं बबूल का एक झाड़ ही सही, फख्र है मुझे खड़ा हूँ और जितना भी बढ़ा हूँ खुद के दम पर ! उन सारी प्रतिकूल…

सब कुछ अनित्य है! – राजऋषि भैरव

Raj Rishi Bhairav

सब कुछ अनित्य है…… हमने जीवन को नित्य मान कर इस जगत को सत्य मान लिया। हमारी सारी उलझन मात्र इतनी सी है कि हमने स्वयं को कभी अनित्य नहीं समझा। हम सोचते है ये युवावस्था, धन, संपत्ति, आरोग्यता हमारे…

खाओ पियो मौज करो,अपन को किसी बैंक का भरोसा नहीं-बुरा न मानो होली है : Ranjan Kumar

पीएमसी और यस बैंक के बाद अब अगला बैंक कौन सा होगा जिसके ग्राहक लाइन लगाएंगे यह मेरे मित्र मुझसे पूछ रहे हैं ..! खाओ पियो मौज करो भाई…ऐसे रहो कि जब मर्जी करे झोला उठा के हिमालय चल दें…

चार्वाक का यह दर्शनशास्त्र बदल दीजिए ऐसे : बुरा न मानो होली है !

जबतक जिओ तबतक जिओ,कर्जा लो और घी पियो..चार्वाक का यह दर्शनशास्त्र बदल दीजिए ऐसे.. बैंक से खूब लोन लो और विदेश में जाके शान से जिओ ! कुछ नहीं होता यार,डरते क्यों हो…विजय माल्या नीरव मोदी का आजतक कुछ हुआ…

किस दड़बे में जा छिपे हैं वो लोग जो अमेरिका को लिखकर भेजते थे मोदी को वीजा मत दो ?

वो लोग कहाँ किस दड़बे में जा छिपे हैं जो अमेरिका को लिखकर भेजते थे मोदी को वीजा मत दो ? मोदी से प्रेम करो या नफरत,यह एक अलग विषय है पर ऐसा कहकर तब जो लोग देश का सिर…