वो लोग कहाँ किस दड़बे में जा छिपे हैं जो अमेरिका को लिखकर भेजते थे मोदी को वीजा मत दो ?
मोदी से प्रेम करो या नफरत,यह एक अलग विषय है पर ऐसा कहकर तब जो लोग देश का सिर शर्म से झुका रहे थे तब अपने देश के एक राज्य के निर्वाचित मुख्यमंत्री के लिए,,क्या उन्हें कल से अबतक उसी अमेरिका के प्रथम नागरिक के मुँह से मोदी मेरे दोस्त हैं के सम्बोधन को बार बार सुनकर खुदपर शर्म आ रही होगी ?
हमारे पीएम को अमेरिका के राष्ट्रपति इतना आदर सम्मान दे रहे ,यह तो गर्व का विषय हर हिंदुस्तानी के लिए होना ही चाहिए..मोदी से व्यक्तिगत तौर पर प्रेम हो या नफरत..यह सम्मान मोदी के साथ इस राष्ट्र को मिल रहा है!
तब भी वह बेइज्जती वीसा न मिलने देने के पत्र से मोदी की केवल बेइज्जती नही थी,,वह भी देश के एक राज्य के सीएम की बेइज्जती थी ,जो उन सबको समझ नहीं आ रहा था सत्ता मद में चूर होने के कारण .. !
अब सभी उन जमूरों को जिन्होंने दस्तखत किए थे वीसा न देने को पत्र पर, निकालकर लाओ खोजके मीडिया में और उनके पुराने बयान सुनवाकर पूछिये देश के उन असली हरामखोरो से कि शर्म वर्म आ रही अब कुछ कहीं अंदर से या नहीं ..?? हिंदुस्तान पर वही अमेरिका प्रेम लुटाए जा रहा है आज उसी मोदी के कारण…!!
रंजन कुमार ,,25.02.20