जब सुरमई शाम ढले,और दुनिया में शाम का वो पहला पहला दीप जले:Hindi Poem By Ranjan Kumar

सुनो जाना,
हम चाहते हैं तुम धड़को,
मेरे दिल की धड़कन बन के…
हम चाहते हैं तुम महको,
मेरी हर स्पंदन में
हरसिंगार की खुशबू बन के….!

तुम मेरे शब्द शब्द को
अपनी उपस्थिति से
महमहा दो…
जीवन के अरण्य में
ये जो पतझड़ का मौसम है
इसे तुम बसंत बना दो…!

मेरी आंखों में बाकी रहे
कयामत तक तुम्हारा इंतजार…
मेरी धड़कनों पर लिख दो तुम
अपना ऐसा अनंत प्यार ..!

हर जन्म में हर बार
मेरी आंखों के सामने रहोगे तुम
नूर बनके मेरी निगाहों का,
ये एक वादा सदा ही निभा जाना…!

फिर मंजूर है
जिंदगी की हर एक सजा,
तुम संगीत बन के बहना
मेरी रग रग में…
मेरे जीवन के सारे सुरों में
बस तुम समा जाना….!

और जब सुरमई शाम ढले
और दुनिया में शाम का
वो पहला पहला दीप जले,
तुम मेरे रूबरू आ जाना,
और मेरी आंखों में
हर रोज
प्रेम के दीप जला जाना…!!
❤️❤️❤️
रंजन कुमार 30 Oct 2023

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