
तुम मेरी प्यास बुझाने के लिए
तृप्ति की बूंदें बन के मिलना मुझसे,
बार बार हरबार हजारों बार …
मेरी चेतना को जब जब नींद आ जाए
मेरे हर एक नींद में
तुम ही मेरा ख्वाब बनना
और जब नींद मुकम्मल हो
और मेरी चेतना जाग्रत हो
तो तुम स्वाति की बूंद बन के
आ मिलना चांद के उस पार से चलते हुए
अपने चातक से मिलने उसकी प्यास बुझाने …
प्रेम के इस उनवान को
मुकम्मल होने के बाद तक
लिखते रहने के लिए
मिलते रहना है तुम्हे मुझसे
हरएक जीवन में,,बार बार हजारों बार ..
सुनो जाना…
ये सफर तो अभी बहुत लंबा है अभी,,
यह मिलन तो बस एक आगाज है
प्रेम के अनंत पथ में …अनंत तक के साथ का ..
तुम मेरी प्यास बुझाने के लिए
तृप्ति की बूंदे बन के मिलना मुझसे,,
बार बार हजारों बार …
तुम्हारा दिल धड़कता रहेगा मेरे दिल में,
मेरा दिल धड़कता रहेगा तुम्हारे दिल में ,
ये मिलन चिरकाल का मिलन है
सदियों पुराना और सदियों तक आगे चलनेवाला …
तुम झांक के तो देखो अपने हृदय में
मेरा नाम जाने कबसे लिखा है
तुम्हारी हर एक धड़कन पर,
तुम्हारी हर एक सांस पर…
मेरी हर प्यास का अंतिम विकल्प हो तुम…
मैं एक बावरा प्यासा राही और तुम
मेरे लिए तृप्ति का एक समंदर!!
– रंजन कुमार 03 फरवरी 2023