55 महीने तक मंत्री रहने के बाद अब श्री उपेंद्र कुशवाहा को यह दिव्य ज्ञान हुआ है कि सरकार अच्छा काम नही कर रही थी .. मोदी जी बिहार की उम्मीदों पर खरा नही उतरे .!
राजनीति में ऐसे परजीवी पाखंडी नेताओ की नस्ल पहचानें और उन्हें दुबारा अवसर न दें .. किसी भी दल के साथ हों ऐसे लोगों के सिर्फ व्यक्तिगत एजेंडे होते हैं राजनीति में .. चुनचुन कर ऐसे अवसरवादियों को राजनीति से बेदखल करना जरूरी है अगर आप वर्तमान परिदृश्य में कोई सकारात्मक परिवर्तन चाहते हैं.!
वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में ऐसे अनेक नेता हैं जो सिर्फ कुर्सीपुत्र हैं जिनमे नीतीश कुमार और रामविलास पासवान भी शामिल हैं !
ये सब के सब बिहार के कलंक हैं क्योंकि आजतक इनमे से हर किसी ने सिर्फ कुर्सी सुख और मंत्री पद के लिए ही कार्य किया है !
देश या प्रदेश ऐसे नेताओं की जुबान पर होता है सिर्फ दिखावे के लिए,इनको पहचानें और इनको राजनीति से बाहर करिये,कभी इनको वोट न दें ..!!
– रंजन कुमार