ये प्यार मोहब्बत धोखा है,
इस धोखे से मैं डरता हूँ !
सच कहूँ ,
इसी उलझन के कारण
दूर ही अक्सर रहता हूँ !!
नहीं चाहता बनना टिशु पेपर
उपयोग करो और निपटा दो !
कुछ देर साथ लोगे दोगे,
फिर चलना होगा तो तन्हा ही !
तुम आगे कदम बढ़ाते हो ,
मैं कशमकश से गुजरता हूँ !!
ये प्यार मोहब्बत धोखा है,
इस धोखे से मैं डरता हूँ !
सच कहूँ ,
इसी उलझन के कारण
दूर ही अक्सर रहता हूँ !!
बहुत देखे दिलवाले जग में ,
फरेबी हैं सब,झूठे वादे करते हैं !
मतलब की खातिर नेह लगाते ,
जरुरतें, पूरी होते ही मुकरते हैं !
कसमे साथ की देते हो जब ,
तन्हाई से फिर गुजरता हूँ !!
ये प्यार मोहब्बत धोखा है,
इस धोखे से मैं डरता हूँ !
सच कहूँ ,
इसी उलझन के कारण
दूर ही अक्सर रहता हूँ !!
शीशा दिल,फिर फिर टूटेगा मेरा
अब प्रेम की पींगे रहने दो !
दिल की धड़कन कहती क्या है ,
मत सुनो मुझी तक रहने दो !
तुम मिल जाओ कहीं न राहों में
घबरा के घर से निकलता हूँ !!
ये प्यार मोहब्बत धोखा है,
इस धोखे से मैं डरता हूँ !
सच कहूँ ,
इसी उलझन के कारण
दूर ही अक्सर रहता हूँ !!
– रंजन कुमार