दुनिया भर के
जख्म लिए आये,
पहलू में उस के..
यह सोच के
कि वो तो  समंदर है ..
अपने प्यार से ,
भर देगी दामन.!

मगर नमक मला

जख्मो पर ,
मेरे उसने ..
मेरे लिए तो बस 
यही शेष था 
उसके पास भी ..!!

– रंजन कुमार

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