
कभी फुर्सत में सोचूंगा ,
खोया क्या और पाया क्या ?
अभी तो दूर चलना है ,
ये बस आगाज ही तो है !
सफ़र मुश्किल है ,
मुमकिन है निशां
मिट जाए राहों में ,
सितारों तुम गवाह रहना
मैंने कोशिशें की तो थी !!
– रंजन कुमार
कभी फुर्सत में सोचूंगा ,
खोया क्या और पाया क्या ?
अभी तो दूर चलना है ,
ये बस आगाज ही तो है !
सफ़र मुश्किल है ,
मुमकिन है निशां
मिट जाए राहों में ,
सितारों तुम गवाह रहना
मैंने कोशिशें की तो थी !!
– रंजन कुमार