तो वेश्यावृति अब कानूनन भारत में भी रोजगार है.. विकास के इस अंधे दौर में स्वरोजगार करिए, कुछ नहीं बचा करने को रोजगार तो अपना बदन बेचिए और आत्मनिर्भर बनिए, पुलिस अब कुछ नहीं कहेगी!संस्कृति की दुहाई दिए बिना पाश्चात्य के रंग में रंगते हुए उस इंडिया की नीव रखिए जो विश्व गुरु बनने वाला है इस राह में चलकर… इंडिया को अब भारत कहेंगे तो मन में टीस उठेगी क्योंकि हमारा भारत तो ऐसा नहीं था जो आज है.. एडल्टरी कानून निरस्त हुआ, समलैंगिक और लिव इन को कानूनी मान्यता मिली और अब वेश्यावृति भी रोजगार बन गया! चारित्रिक और सांस्कृतिक पतन की नित्य नयी ऊंचाइयों को छूते जा रहे हैं हम…मुबारक हो न्यू इंडिया, विश्व गुरु का ताज जरूर मिलेगा लेकिन इसमें अपना भारत कहीं खो जाएगा, ढूंढने से भी नहीं मिलेगा!
– रंजन कुमार