बढ़ता जाता है जितना ही यह अँधियारा – Hindi Poetry

बढ़ता जाता है
जितना ही यह अँधियारा,
सपने प्रकाश के
उतने ही मुझको आते हैं!
सूरज का चकाचौंध भी
देखो बढ़ा जा रहा,
कहता है मन का विश्वास
सुबह वो आयी देखो!
गहन अंधकार का मतलब
सूरज का आना ही होता है,
कहते तो थे बाबा कभी कहानी
जो कहते थे सच कहते थे,
रुकता नहीं वक़्त का पहिया
यह हरदम चलता रहता है!


रंजन कुमार

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