थोड़े दिन पहले बीजेपी अध्यक्ष नड्डा साहब ने बिहार की धरती से घोषणा की थी कि क्षेत्रीय दलों को खत्म करना है,सिर्फ एक दल रह जाएगा वह है बीजेपी…
दोनो क्षेत्रीय दल एक हो गए अब बिहार में और बिहार में 77 विधायकों के बावजूद बीजेपी के पास कोई नेतृत्व नहीं है स्थानीय,तो तय मानिए कि अब बिहार से बीजेपी खत्म हो जाएगी पूरी तरह अगर बिहार के सभी क्षेत्रीय दल गठबंधन में एकसाथ बने रहे!
बीजेपी की मजबूरी देखिए, नेतृत्वहीनता देखिए,,कोई लोकल नेता होता…अगर कोई चेहरा होता… तो नीतीश कुमार मुख्यमंत्री न होते 45 सीट लेकर ..एनडीए के तब ..!
नीतीश कुमार का साथ बीजेपी के लिए बिहार में जरूरी था,,नीतीश उनकी जरूरत थे मजबूरी थे …
यह बहुत जोर का झटका है जो नीतीश कुमार ने बीजेपी को दिया है और अब कम से कम बिहार में बीजेपी को अपने वजूद को बचाने की लड़ाई लड़नी होगी आगे ..
40 में से 39 सांसद एनडीए को मिला था 2019 में,,2024 में यह आंकड़ा सीधे पलट जाए और 39 विपक्ष ले जाए और सिर्फ 1 बीजेपी को मिले तो कोई अचरज नहीं होगा ..
बीजेपी की जमीनी हकीकत बिहार में यही है..बिना गठबंधन के बिहार बीजेपी के नेता कागजी कमल के फूल हैं सब …खुश्बू कहां से आएगी ..??
– रंजन कुमार 09 अगस्त 2022