Hindi Poetry- वादों के सिलसिले भी बड़े लम्बे चले थें !

वादों के सिलसिले भी बड़े लम्बे चले थें, . माजी के पन्नों से झलकती है तेरी नजर उन मांद होते पत्तों पर, . जो शाख से रुखसत के खौफ में हीं बूढ़े होते चले गये.. . और जब इक दिन तुम…
वादों के सिलसिले भी बड़े लम्बे चले थें, . माजी के पन्नों से झलकती है तेरी नजर उन मांद होते पत्तों पर, . जो शाख से रुखसत के खौफ में हीं बूढ़े होते चले गये.. . और जब इक दिन तुम…
ना रूठने के वास्ते, ना मनाने के वास्ते, चलो कोई गजल लिखें आज दिल को बहलाने के वास्ते.. . तुम रोते होगे की कोई छोड़ गया तुम्हें, की ख्याल रहे,लोग मिलतें हीं हैं बिछड़ जाने के वास्ते.. . मैंने सुना…
ये आज के समाज के बिद्रूप चेहरे का दूसरा रूप है जहाँ एक लालची और चरित्रहीन पिता अपने दूसरे नाबालिग और लालची पुत्र तथा अपनी पत्नी के साथ मिलकर वायुसेना में कार्यरत अपने ही पुत्र की हत्या कर देता है…
यह कौन है, जो वफ़ा के गीत आज भी गुनगुनाता है, कोई दीवाना है या पागल ? इसे मालूम नहीं सलीका, आज के दौर में मोहब्बत का !! – रंजन कुमार
यादों की चादर ओढ़े जब , तेरी गली से मेरा गुजर हुआ , महसूस हुआ इन राहों में , चाहत की खुशबू अब भी है ! मै जान गया ऐ नूर ए नजर , कुछ प्यार के वादे…
चेहरे परत दर परत, उघड़ते हुये चेहरे ! सौम्य मुखौटे लगाये, अपना सच छिपाते बनावटी चेहरे ! याद रखना हरएक चेहरे के पीछे छिपे हैं अनेक चेहरे ! किसको समझोगे , किस किसको जानोगे , एक चेहरे के साथ हैं अनगिनत…
जब शेषफल शून्य हो भाज्य,भाजक और भागफल पूर्ण और तंदरुस्त प्रतीत होते हैं ! लो …. शेषफल शून्य हो गया अब .. तुम अपनी तंदरुस्ती और पूर्णता का विज्ञापन , रिश्तों के गुणनफल मे चाहो तो बांट लो … मुझे…
जीवन मृत्यु और पुनर्जन्म एक रहस्य है जिसका आजतक कोई भी ठीक ठीक जवाब नहीं दे पाता क्या सच है क्या झूठ ! रोज नये सिद्धांत दिए जाते हैं इसपर और फिर उन सिद्धांतो के उपर कोई न कोई दूसरा…
स्नेही राम के हो तुम , राम तुम्हे प्यारे हैं , आकुल दरशन को तेरे , नैन ये हमारे हैं ! आजा अब तो प्यारे तेरे भक्त की पुकार है, अंजनी के लाल तुमसे विनती बारबार है !! – रंजन…
घर के बाहर ही नही घर के अंदर भी नजदीकी रिश्तेदारों के बीच भी बेटियां सुरक्षित नही हैं कब कहाँ से रावण बन प्रकट हो कहना मुश्किल है, काउंसलिंग ने मुझे यही अनुभव दिया है .. ये यौन विकृत मानसिकता वालों…