बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे ?
बचपन से सुना था ,बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे ? जो बांधे वह बहादुर दूसरों को भी मुसीबत से बचानेवाला ! ठहरा बचपन से स्वाभिमानी ,तो शुरू कर दी बांधना घंटी नहीं घंटियाँ ,जहाँ कहीं भी बिल्ली दिखे ..! कुछ…
बचपन से सुना था ,बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे ? जो बांधे वह बहादुर दूसरों को भी मुसीबत से बचानेवाला ! ठहरा बचपन से स्वाभिमानी ,तो शुरू कर दी बांधना घंटी नहीं घंटियाँ ,जहाँ कहीं भी बिल्ली दिखे ..! कुछ…
कभी फुर्सत में सोचूंगा ,खोया क्या और पाया क्या ?अभी तो दूर चलना है ,ये बस आगाज ही तो है ! सफ़र मुश्किल है , मुमकिन है निशां मिट जाए राहों में , सितारों तुम गवाह रहनामैंने कोशिशें की तो थी…
चूहे और छछूंदर की शादी हुई , फिर एक चछूंदर पैदा हुआ .. नस्लें हीं बर्बाद हो गयीं फिर, न चूहे बचे न छछूंदर .. चछूंदर घूम रहे अब हर जगह !! – रंजन कुमार ———————————-
कोई जलतरंग सा नहीं बजा मन में ,हवाएं भी बहती नहीं दिखी और न ही चिडिओं ने कोई राग छेड़ा नयी सी, जैसा की अक्सर देखता हूँ फिल्मों में.. पढता हूँ कहानिओं में ! हालांकि मौसम खुशनुमा था जब वह मिला था फिर…
चिरागों की रौशनी में तुम अंधेरों को ढूँढना सीखो , वरना सच की तह तक ताउम्र पहुँच नहीं पाओगे !! – रंजन कुमार
जब किसी आम आदमी पर कोई आरोप लगता है और FIR दर्ज हो जाती है पुलिस लतियाते हुए घर से पकड़ ले जाती है पर आसाराम ,नारायण साईं तरुण तेजपाल सहारा प्रमुख और अब मंजू वर्मा बिहार सरकार की पूर्व…
मशरूफ इतना न रहूँ मौला की तेरी याद ही न आये , और खाली इतना भी न बैठूं की तेरी याद भूल जाए !! – रंजन कुमार
बिछड़ के उससे हमने सोचा कुछ त्याग करूँ मोहब्बत भरे जज्बातों से जुदाई में उसके घायल हूँ इसका कुछ न कुछ तो इजहार करूँ ! उसे पत्ता गोभी नही भाती थी,मैं खूब चबाता था देख ले तो उल्टियाँ आती थी…
गुजरता हुआ ये हर लम्हा तो , फिर कभी भी लौट कर न आएगा , तू लौट भी आये अगर क्या भरोसा है फिर, मैं ही मैं न रहूँ शायद !! – रंजन कुमार
चलो तुम आंधियाँ.. खरीद ले जाओ सब खिलाफ मेरे , मुझे तो बस डर ये है .. चिराग मेरा , रखा ना हो कहीं बारिशों की हीं हिफाजत में ! – Vvk