
सरकारें सब की सब ढकोसलावादी होती हैं मानवतावादी नहीं .. यत्र तत्र सर्वत्र पाखण्ड-राज है ..गुंडे भी इन्हीं के पुलिस भी इन्हीं की और बहुत हदतक बिकाऊ मीडिया भी इन्हीं की ..जो रास्ते मे आएगा वह किनारे कर दिया जाएगा ..कौन सुननेवाला है और किसे फिक्र है आम लोगों की ..?
हां जंगलराज मे फोटो सेशन के वक्त ये सरकारें कभी कभी अच्छा भाषण दे देती हैं गलती से उसे सुशासन समझ लिया जाता है !
क्योंकि बिकाऊ मीडिया यही काँव कांव भर देती है कानों मे .. मीडिया और सत्ता का गठजोड़ न्याय के हर रास्ते को बंद कर देता है .. यह इस दौर की सबसे भयावह और स्याह सच्चाई है !
– रंजन कुमार