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पुनपुन नदी की सूखी रेत मे चुल्लू भर पानी ढूंढ रेत मे नाक रगड़ के जा के डूब मरो महापुरुषों.. कुछ पुण्य होगा तुम सबको !
 
एक बर्बर दहेज हत्या के आरोपियों को बचाने मे दिन रात एक किये थे .. सारी ताकत झोंक दी .. मेरी न बहन है न बेटी .. फिर भी मेरा रोम रोम सिहर उठा था वो दारुण गाथा सुन के !

कमीनों तुम सबकी बहन भी है और बेटी भी .. फिर भी उसके लिए दिल मे मोह नहीं उतरा .. वह भी तो किसी की बेटी थी बहन थी आखिर .. जान के भी की उसकी बर्बर हत्या हुई है हत्यारे की मदद की दिन रात !

और जिस घर मे अपनी बेटी ब्याहने जा रहा उसी घर मे हुई दहेज हत्या के हत्यारे को जो दिन रात बचाने मे लगता है सेटिंग कर के दलाली खाने मे .. उससे बड़ा सूअर और दोगला इस धरती पर दूसरा हो ही नही सकता कोई !

माँ जगदम्बे से दोनो हाथ उठा उस बेबस बहन के हिस्से के न्याय को मांगता हूँ .. न्याय की आवाज मै उठाता रहूँगा, सत्य न्याय की पुकार पर बार बार निकलता रहूँगा मै हर कदम .. देखूं तुम सबको भी जरा !

सत्य की आवाज उठाने के लिए मेरी हत्या की धमकी देने वालों .. मेरी आवाज आज भी बुलंद है, और बुलंद रहेगी .. तुम्हारी इज्जत की धज्जियां उड़ा के रख दूंगा मै तुम्हारे असली कारनामें सबको बता बता के !! घुटनो से आँसू निकलने चाहिए उन सबके जीवन का अब इतना विध्वंश हो जो इसे दबाने मे लगे रहे !

उसको न्याय मिले जिसकी हत्या को दुर्घटना साबित करने मे लगे रहे तंत्र को खरीद के पैसो से .. लानत है तुम सब पर किरानी, दोनों किरानी पूत और किरानी का जुआरी वह समधी जो आज भी अपने बाप के पेंशन पर पल रहा है और उसकी उपलब्धि बस इतनी ही है की वह लाशो की दलाली खाता है !

जुआ खेलता है और हर छठे महीने अपनी बीबी का गर्भपात करवाता है लिंग परिक्षण करवा के .. अपने दामाद की मदद ले के बीबी को बीमारी के बहाने दूसरे दूसरे शहरों में ले जाके .. मेरी आवाज बुलंद है बुलंद रहेगी, चरित्र से गिरे सभी दोगलों का पर्दाफाश करना अब जरूरी है !

मै यह कर रहा हूँ और करता रहूँगा .. अगर मुझे कोई खरोंच भी लगती है तो इन सबको इसका जिम्मेदार समझा जाय .. ये कई बार मुझे धमकी दे चुके हैं और यह सूचना पुलिस को भी दी जा चुकी है सबूत के साथ एनसीआर इनके खिलाफ दर्ज किया जा चुका है !

इस महाभारत में मै गांडीव उठा चुका हूँ .. सत्यमेव जयते पर यकीन है और कृष्ण मेरे सारथी.. इसे ब्लॉग पोस्ट में इसलिए दर्ज कर रहा हूँ जिससे मेरे बच्चे सीख सकें दुनिया में न्याय और सत्य की कहानी समझ के संघर्ष इस पथ का !

और वह भविष्य में जब भी कभी मेरे बाद इस पोस्ट को पढ़ें उन्हें हर बार यह मार्ग दिखाए .. उन्हें यह याद दिलाए की वह एक शेर की संतान हैं जिसने दुनिया में सच को सच कहना सीखा था और अपने सामने हो रहे हर बेबस के हिस्से की न्याय के लिए खड़ा होना सीखा था!

यह पोस्ट उन्हें मेरे बाद भी कभी वह जब पढ़ेंगे उनको मार्गदर्शन देगा .. एक लेखक होने के नाते इसे दर्ज करना समय के पन्नो पर वक्त की जरूरत है !!

– रंजन कुमार

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