https://rnjnkmr.blogspot.com/2018/11/Aandhiyon-ne-tinka-tinka-ghosla-banaye-rakha-hai.html
चराग उनका अक्सर
बारिशों से बचाये रक्खा है ,

 जिनने हमसे सिर्फ एक
कारोबारी रिश्ता रक्खा है !


समझतें हों समझने वाले
आँसुओं की कीमत लाख सही ,

अपना भी एक दायरा है,
उदासियों को समझा रक्खा है!


वैसे तो जुदाइयों का समंदर पार
करके आते रहे आने वाले ,

बेवजह तो नहीं खुदा ने पत्तों
को हरा, कुछ को पीला रक्खा है !


करिश्में हैं, सजा है , या
शायद तन्हाइयों का दौर है ,

कोई तो वजह है, जो तकदीर
ने यूँ अकेला रक्खा है !


खुदाया – तहरीर है तेरी ,
क्या कुछ उम्मीद लिखी हुई?

जो आँधियों ने तिनका – तिनका
घोसला बनाये रक्खा है !! 


– Vvk

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