चराग उनका अक्सर
बारिशों से बचाये रक्खा है ,
जिनने हमसे सिर्फ एक
कारोबारी रिश्ता रक्खा है !
समझतें हों समझने वाले
आँसुओं की कीमत लाख सही ,
अपना भी एक दायरा है,
उदासियों को समझा रक्खा है!
वैसे तो जुदाइयों का समंदर पार
करके आते रहे आने वाले ,
बेवजह तो नहीं खुदा ने पत्तों
को हरा, कुछ को पीला रक्खा है !
करिश्में हैं, सजा है , या
शायद तन्हाइयों का दौर है ,
कोई तो वजह है, जो तकदीर
ने यूँ अकेला रक्खा है !
खुदाया – तहरीर है तेरी ,
क्या कुछ उम्मीद लिखी हुई?
जो आँधियों ने तिनका – तिनका
घोसला बनाये रक्खा है !!
– Vvk
बारिशों से बचाये रक्खा है ,
जिनने हमसे सिर्फ एक
कारोबारी रिश्ता रक्खा है !
समझतें हों समझने वाले
आँसुओं की कीमत लाख सही ,
अपना भी एक दायरा है,
उदासियों को समझा रक्खा है!
वैसे तो जुदाइयों का समंदर पार
करके आते रहे आने वाले ,
बेवजह तो नहीं खुदा ने पत्तों
को हरा, कुछ को पीला रक्खा है !
करिश्में हैं, सजा है , या
शायद तन्हाइयों का दौर है ,
कोई तो वजह है, जो तकदीर
ने यूँ अकेला रक्खा है !
खुदाया – तहरीर है तेरी ,
क्या कुछ उम्मीद लिखी हुई?
जो आँधियों ने तिनका – तिनका
घोसला बनाये रक्खा है !!
– Vvk