
उस दिन सूरज
मेरे सिरहाने आ पुकारेगा
और चाँद पायताने मुस्कुराएगा,
गोधूलि की पावन बेला मे
चाँद और सूरज जब मिल रहे होंगे,
मैं तब विदा लूँगा तुमसे,
.
सूरज के साथ बहुत दूर निकल जाऊँगा,
तेरे लिए चाँद के उजाले
और अपनी बेशुमार यादें छोड़ जाऊँगा !
.
अगली सुबह सूरज फिर आएगा
पर मैं मौत की दुल्हन के आगोश मे
बस दूर से खिलखिलाउंगा …
तेरे रोने तड़पने का तेरे कसमों वादों का
मुझपर उस दिन कोई असर न होगा,
तुम चाहो तो उस दिन मुझे ,
जिंदगी भर की मेरी वफादारिओं का
वास्ता दे देकर बेवफा कह लेना …!!
– रंजन कुमार