धड़कनों के स्पंदन को सुनना सन्नाटे से गुजर कर
धड़कती धड़कनों का स्पंदन, तुम्हें सब .. सुनायी देगा ! . जब खुद के पैदा किये शोर से दूर हो एक सन्नाटे से गुजरोगे !! – रंजन कुमार
धड़कती धड़कनों का स्पंदन, तुम्हें सब .. सुनायी देगा ! . जब खुद के पैदा किये शोर से दूर हो एक सन्नाटे से गुजरोगे !! – रंजन कुमार
जैसे ही देखने समझने का हमारा नजरिया बदलता है सब नजारे बदल जाते हैं फिर .. और उसकी तो रीत ही यही है जो जिस भाव से उसे भजता है वह उसे उसी रूप मे मिल भी जाता है! स्थूल…
हर गलती की माफ़ी हो सकती है पर मेरी नजर में चरित्रहीनता ऐसा दुर्गुण है जो कभी भी माफ़ करने लायक नहीं! जो एक बार मेरी नजर से गिरता है इस दुर्गुण के कारण उसे मैंने कभी दूसरा अवसर कुछ…
मुसलसल हादसों का सिलसिला .. चलता रहा , बारिश होती रही,शाख से पत्ता-पत्ता टूटता रहा ! . लोग कुछ जों बैठें थे .. रौशिनी की फ़िराक में , सूरज को भी फर्क किआ, आखिर डूबता रहा ! . समंदर के किनारे…
पारिवारिक तानेबाने का एक अद्भुत सच बताता हूँ जो अनेक लोगों की समस्याओं को सुनते और उनका समाधान खोजते मुझे मिला है .. परिवार में तीन तरह के लोग होते हैं .. शोषक, शोषित और तमाशबीन ! परिवार में तभी…
तेरा मिरा किस्सा भी कुछ यूँ तमाम हुआ , . जैसे हर शाम के बाद रात ढल जाती है ! – Vvk
सोचो हम .. इक दुसरे के कुछ इतने पास में हों तो ? बेशक हजारों मीलों .. का , फासला दरमयान में हो तो ? वादा – ए – वफ़ा के सिर्फ , बहाने , महेज कुछ भी नहीं ,…
मेरे प्रकाशित काव्य संकलन अनुगूँज पुस्तक मे संकलित प्रस्तुत है ये रचना .. राम को वनवास दे ही दिया जब तो नियति है फिर यही दशरथ की मरो पुत्र वियोग में रोवो तड़पो चीत्कार करो! सुकून की साँस मिल नहीं सकती …
मुंदती हुयी आँखों के चारो ओर सिमटती हुयी दुनिया, और बुझता हुआ , जिन्दगी का चिराग ! कह देना सितारों से आकर ले जाएँ , कुछ अनकहे से शब्द सन्देश, मेरे उन सब अपनों के लिए , जिनकी आशाओ का केंद्र…
चापलूसों और स्वार्थी लोगों के लिए कोई रिश्ता नही होता .. जरूरत पड़ने पर गदहे को बाप और बाप को गधा कहने मे पल भर की भी देर नही करते !जिस सीढ़ी को पकड़ ऊपर चढ़ना सीखा ऊपर पहुंचते ही…