पारिवारिक तानेबाने का एक अद्भुत सच बताता हूँ जो अनेक लोगों की समस्याओं को सुनते और उनका समाधान खोजते मुझे मिला है .. परिवार में तीन तरह के लोग होते हैं .. शोषक, शोषित और तमाशबीन !
परिवार में तभी तक शांति रहती है जबतक शोषित का धैर्य बना रहता है और चुपचाप अपना शोषण होने देता है .. जिस दिन शोषित आवाज उठाएगा परिवार असंतुलित हो बिखरेगा ये तय है !
और फिर होता है नए ढंग से नए समीकरणों में यह आगाज .. शोषण होने देना अपना ज्यादा खतरनाक है क्योंकि ये मन में बाद में कई प्रकार की हीन भावनाएं भरता है नतीजतन आगे जाकर अपराधी मनोवृति बन सकती है .. बेहतर है समय पर शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद करें !
आज नहीं तो कल विकराल रूप ले ये समस्या आएगी तब समाधान मुश्किल होगा बहुत .. लिहाज में रह शोषकों की बेलगाम दूषित वृति को काबू नहीं कर सकते .. शोषण के खिलाफ मुंहतोड़ जवाब दीजिये .. समाज का स्वरुप बदलेगा !!
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