Death should be celebrated as a festival
मृत्यु है उत्सव
मनाओ ठाट से,
ग़मगीन होने की जरुरत
है कहाँ ?
बस एक बार
आता है यह त्योहार सा,
मौका नहीं देता है फिर
एक साँस का !
जिन्दगी में 
जिन्दगी को जान लो..!
फिर समझ आएगा
ये आगाज है…
सिलसिला है 
एक नए अध्याय का ..!!
– रंजन कुमार

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