Man swimming across road
कुछ चौराहे 
मेरा रास्ता निहारेंगे !

मैं कब का 

दफ़न हो चुका,

ए दोस्त 

उन्हें ये इत्तला करना !

वक़्त की 

दहलीज पर कभी ..

मिल जाएँ ,

जो क़दमों के 
निशान मेरे ..

मेरी मय्यत समझ 

उस दिन वहीं पर ,

ए दोस्त , मेरे लिए 

मर्सिया पढ लेना !!
– रंजन कुमार

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