अस्तित्व नहीं कुछ भी ,
बहारों का, नजारों का ,
इन फूलों पत्थरों और
पहाड़ों का !
अगर तुम नहीं शामिल,
इन बहारों में ,
नजारों में,
और इस जिन्दगी के,
किनारों में !!
– रंजन कुमार
अस्तित्व नहीं कुछ भी ,
बहारों का, नजारों का ,
इन फूलों पत्थरों और
पहाड़ों का !
अगर तुम नहीं शामिल,
इन बहारों में ,
नजारों में,
और इस जिन्दगी के,
किनारों में !!
– रंजन कुमार