रक्त चूषक
अक्सर
लिजलिजे होते हैं ,
सर्व सुलभ
और सर्व ब्यापक भी !
यथा
जोंक ,चमोकन ,
खटमल , मच्छर ,
और कुछ इंसान भी …!
इनके आस पास
होने का
एहसास ही
अजीब लिजलिजेपन से
भर देता है मन को !
यह एहसास ही
जानलेवा है ,
ओ खुदा कहाँ हो तुम ,
निकालो मुझे यहाँ से
यहाँ सर्वत्र इन्हीं का बसेरा है !!
– रंजन कुमार