ना रूठने के वास्ते, ना मनाने के वास्ते,
चलो कोई गजल लिखें आज दिल को
बहलाने के वास्ते..
.
तुम रोते होगे की कोई छोड़ गया तुम्हें,
की ख्याल रहे,लोग मिलतें हीं हैं
बिछड़ जाने के वास्ते..
.
मैंने सुना है,तुम आज भी उनके
लौट आने की मिन्नतें करते हो ,
.
लगता है,नहीं देखा बारिश में कोई
मांद पत्ता टूटते तुमने,किसी नए
पत्ते के वास्ते!!
– Vvk