Hindi poetry on present era of politics : तुम किधर हो इस लड़ाई में – Ranjan Kumar
राजनीति का विद्रूप चेहरा ,और आकंठ भ्रष्टाचार में डूबीव्यवस्था … कर रही है आह्वाहन , सुनो यह झूठा आर्तनाद , बेईमान गद्दारों द्वारा इमानदारी का , अगर बहरे नहीं हो ..! समवेद गायन भी सुनो एक दूसरे के घुर विरोधिओं का , ये…