Ranjan Kumar

Ranjan Kumar

Founder and CEO of AR Group Of Institutions. Editor – in – Chief of Pallav Sahitya Prasar Kendra and Ender Portal. Motivational Speaker & Healing Counsellor ( Saved more than 120 lives, who lost their faith in life after a suicide attempt ). Author, Poet, Editor & freelance writer. Published Books : a ) Anugunj – Sanklit Pratinidhi Kavitayen b ) Ek Aasmaan Mera Bhi. Having depth knowledge of the Indian Constitution and Indian Democracy.For his passion, present research work continued on Re-birth & Regression therapy ( Punar-Janam ki jatil Sankalpanayen aur Manovigyan ). Passionate Astrologer – limited Work but famous for accurate predictions.

Hindi poetry on present era of politics : तुम किधर हो इस लड़ाई में – Ranjan Kumar

राजनीति का विद्रूप चेहरा ,और आकंठ भ्रष्टाचार में डूबीव्यवस्था … कर रही है आह्वाहन , सुनो यह झूठा आर्तनाद , बेईमान गद्दारों द्वारा इमानदारी का , अगर बहरे नहीं हो ..! समवेद गायन भी सुनो एक दूसरे के घुर विरोधिओं का , ये…

Hindi Emotional Inspiring life poetry : घर लौट चल पंछी बसेरे में – Ranjan Kumar

flying bird

घर लौट चल पंछी बसेरे में हुयी अब शाम सूरज डूबता है , फिर निकलना है  तुझे कल सूरज से पहले और फिर से दाने ढूँढना है ! क्रम रोज का यह अनवरत चलता रहेगा , सोच ले यह भी की तू खुद…

Hindi sad poetry : अब तुम इधर के नहीं और मैं उधर का नहीं – Ranjan Kumar

old man alone walking

इस पार और उस पार के बीच  एक सेतू था तेरा जिस्म , जहाँ संवाद मुमकिन था ! कैसे करूँ कोई संवाद ? अब तुम इधर के नहीं और मैं उधर का नहीं !! – रंजन कुमार 

Hindi love poem : शब्दों मे कहाँ समाती है तेरी याद – Ranjan Kumar

miss you

  शब्दों मे कहाँ समाती है तेरी याद ? मैं एक झरोखे मे निहारता हूँ , तू दूसरी खिड़की में खिलखिलाती है ! इस शहर के हर कोने मे बिखरा है … तुम्हारा अक्स ,  वेदना से थरथराते लबों की …

लघुकथा : इधर से कोई गधा तो नही गुजरा – Ranjan Kumar

लघुकथा.. इधर से कोई गधा तो नही गुजरा इधर से कोई गधा तो नही गुजरा है अभी …?  वह तो सच मे अपने गधे को ढूंढ रहा था,पर लोग थे की नाहक ही बुरा मान गए,लात घूंसे बरस गये यूँ…

Hindi poetry : सिर्फ अंधेरों की ही पहचान यहाँ पुख्ता है – Ranjan Kumar

उजाला बाँटता सूरज  अँधेरे में भी  डूब सकता है यूँ ही , अचानक , हैरान मत होना ! ये दौर ऐसा है की सिर्फ अंधेरों की ही पहचान यहाँ पुख्ता है, और हर प्रकाश की मीनारें शक के दायरे में…

Hindi Poetry : रस्मी बातों में कुछ नहीं रखा – Ranjan Kumar

‘रस्मी बातों में कुछ नहीं रखा  तू इनमे ये वक़्त बरबाद न कर , जो कहना हो कह दो ..’ दो पल हैं पास तेरे बस  और दो ही पल हैं पास मेरे भी ! आवारा बादल का एक टुकड़ा…

Hindi poetry : अपना मुस्तकबिल -Ranjan Kumar

अपना मुस्तकबिल तो  रख दिया था  तुम्हारी देहरी पर ही  चलते चलते ! अब कहीं भी पहुंचू सुकून होगा ये, कि मेरे कर्मों ने ही दिया  जो भी दिया !!  – रंजन कुमार

Hindi poetry : तब समझ लेना ये संक्रमण काल है – Ranjan Kumar

जब निकम्मों का हुक्म  हुनर वालों को  मानने पर  विवश होना पड़े , जब मूर्खो का भाषण  बुद्धिमानो को सुनना लाचारी हो , और नालायक साबित हो चुके लोग लायकों को नसीहत देने लगें, तब समझ लेना ये संक्रमण काल…

सच को झूठ बनाने की एक बड़ी साजिश – Ranjan Kumar

अमेरिका और पाकिस्तान दोनों मिलकर अपने एफ 16 की इज्जत बचाने में लगे हैं अब क्योंकि इसी में दोनों की भलाई है दोनों की इज्जत महफूज है क्योंकि उनके लिए यह पचा पाना मुश्किल है की भारतीय वायु सेना के…