Hindi poetry : हममें सऊर ही कहाँ है वफ़ा निभाने की – Ranjan Kumar
उसने हरजाई भी कहा तो कहा अदा से , ख़ामोशी से स्वीकार कर लिया हमने ! हममें सऊर ही कहाँ है वफ़ा निभाने की ? – रंजन कुमार
उसने हरजाई भी कहा तो कहा अदा से , ख़ामोशी से स्वीकार कर लिया हमने ! हममें सऊर ही कहाँ है वफ़ा निभाने की ? – रंजन कुमार
अँधेरे से लड़ते छोटे दीप को कहा मैंने , मुश्किल है लड़ना अँधेरे से , हार जायेगा तू ! “अस्तित्व की लड़ाई है यह ,” वह छूटते ही बोला ..! “और जितनी भी देर जलूँगा प्रकाश दूंगा ..! ख़त्म…
बाबा नीब करौरी जी की अलौकिक वाणी और कहानिओं को इस ब्लॉग पर अपने पाठकों के बीच मै रख रहा हूँ जिससे आज की पीढ़ी भी बाबा के जीवन को समझकर भारत भूमि पर पैदा हुए ऐसे दिव्य आत्माओं की…
कई प्रकार के सरकारी टैक्स जमा करने की तो आदत सी हो ही गयी है हम सबको, लेकिन इसके साथ एक गैर सरकारी अर्थात प्राइवेट टैक्स भी है जो जीवन भर चुकाना पड़ता है वह है रिश्तेदारी टैक्स ..! इसकी…
मेरे हिस्से में भी तो था एक सूरज ! जो डूब गया असमय जिसे डुबो दिया शातिरों ने, मैं ढूंढ रहा हूँ उसे इस घने अँधेरे में .. हाथ में जलती चैली लिए , जिसे श्मशान की जलती चिता से उठाया है…
चांद उफक में डूब चुका है, आ जाओ यादों की जलती लालटेंने बुझा दे हम ! रातरानी का शुक्रिया कर सो जायें , यादों को सुबह तक , महमहाती रखेंगी ये … नींद को सिरहाने बुलाते हैं अब , यादों की…
अब पाकिस्तान को समझ आ गया होगा कि हमारे हथियार केवल 26 जनवरी को राजपथ पर परेड में दिखाने के लिए नहीं है,जब कुशलता पूर्वक प्रयोग करते हैं हम दुश्मन पर तो दुश्मन अवाक सिर्फ सन्नाटे में देखता रह…
एक तो गुनाहों की उनके फेहरिस्त पहले ही बहुत लम्बी है , हर रोज जान बूझकर नए गुनाह वह अब भी किये जाते हैं ! इल्म नहीं यह क्यों आखिर जिस दिन क़यामत बरपेगी कौन उन्हें बचाएगा ? घड़ा पापों…
टेलीविजन के पर्दे पर ज्यादा न्यूज आपको मानसिक रूप से बीमार कर रहा है और आपको इसका पता भी नहीं चला होगा कि कब आपने अपनी मौलिकता और सोचने की क्षमता को कैसे यूँ ही खो दिया ! टेलीविजन के…
अद्भुत रहस्य है वह , परमात्मा … उसे खोजने में जो लगा जी जान से वह खुद उसी में खो गया ! किसी को नहीं मिलता वह आसानी से , जो उसे पाने चला वह गया और हमेशा के लिए…