Hindi poetry on life : प्यार और स्नेह धारा है एक विद्युत् तरंग जैसा – Ranjan Kumar
प्यार और स्नेह धारा है एक विद्युत् तरंग जैसा .. निरंतर प्रवाहित है जो समान तरंगदैर्ध्य से , सदृश तरंग दैर्ध्य के बीच , और अलौकिकता की भावना से ओतप्रोत अगर ये आलोकित है, और निस्वार्थ तरंगों में प्रवाहमान है अगर.. तो…