सत्य और न्याय के सामने बात अगर आ जाये दो मे से एक चुनने को कोई व्यक्ति और उससे जुड़ा सबंध या फिर सत्य न्याय पथ.. तो उस किसी व्यक्ति की फिर कोई मर्यादा नही मेरे लिए जो झूठा था!
सत्य सार्वभौम है उसे स्थापित होना है तो फिर न्याय के लिए कितने भी अजीज संबंध क्यों न हों पहले के,अगर वो न्याय के मार्ग के बाधक हैं अन्याय कर रहे कहीं,झूठ छल फरेब धोखे की बुनियाद पर इमारतें गढ़ रहे अपनी तो ऐसे सम्बन्धो को न सिर्फ मैं त्याग देता हूँ बल्कि न्याय और सत्य की स्थापना हेतू उनको सरेआम उनके कारनामे जगजाहिर करना मेरा प्राथमिक दायित्व है जिससे आगे किसी को और कोई धोखा फिर नही हो …
यही मेरा मार्ग है,अतः पर्याप्त अवसर भूल सुधारने का देने के बावजूद नही सुधरते अगर और वक्त फैसले का आ गया तो मुझसे कोई उम्मीद न रखें..एक हद के बाद मेरे मन मे कोई संवेदना नही बचती उनके लिए जो अंधेरों के पोषक हैं …
मैं ऐसा ही हूँ,मूल्यांकन अपना हर वक्त करता हूँ और अपनी सोच की दिशा को सामने दिख रहे सत्य की दिशा मे आलोकित रखता हूँ और ऐसा ही रहूँगा ..
सत्यम शिवम् सुंदरम ..पसंद हो तो साथ चलिए वरना दूर रहिये ..ये एकला चलो का मार्ग ही है जब सत्य न्याय मंजिल हो …मेरे नाथ मेरे पप्पा भोलेनाथ हैं इनके सिवा कभी किसी की परवाह नही ..
जब सत्य से आलोकित जीवन सिद्धांत और अन्याय कर रहे लोगो से व्यक्तिगत रिश्ते ..इन दो में से एक चुनना हो तो बेझिझक सत्य चुनें,न्याय को चुनें यही सर्वोत्तम विकल्प है आपके पास ! मैंने आजतक यही किया है! जय महाकाल ..!!
जब सत्य से आलोकित जीवन सिद्धांत और अन्याय कर रहे लोगो से व्यक्तिगत रिश्ते ..इन दो में से एक चुनना हो तो बेझिझक सत्य चुनें,न्याय को चुनें यही सर्वोत्तम विकल्प है आपके पास ! मैंने आजतक यही किया है! जय महाकाल ..!!