इस मुश्किल में
कहते हो
तुम्हें अकेला छोड़ दूँ ,
लड़ लोगे ..?
ये लड़ाई
सिर्फ तुम्हारी है ?
जो गुजरे हैं वक़्त
संग संग ..
और जो गुजारे हैं
मिलकर साथ
वक़्त हमने ,
ये उनकी मांग है
साथ दूँ तेरा इस दौर में
तू चाहे या फिर न चाहे !
हाँ ये दौर निकल जाए
तो बिछड़ जाना ,
यादों में रख लेंगे
और फिर तुम गए
तो तुम्हे फिर नहीं टोकेंगे !!
– रंजन कुमार