पसाकोलोजि भौजी का डिनर एक बड़े होटल में
एक नम्बर का कंजूस और मक्खीचूस है ई हमरा बुड्ढा भतार,कबो न होटल ले जाता है खाना खिलाने न ही घर मे टिफिन मंगवाता है कभी ई फ़रोफ्रेसर.. हमारी तो जिंदगी ही नरक बन गयी है इसके फेर में..! #पसाकोलोजि_भौजी की यह…
एक नम्बर का कंजूस और मक्खीचूस है ई हमरा बुड्ढा भतार,कबो न होटल ले जाता है खाना खिलाने न ही घर मे टिफिन मंगवाता है कभी ई फ़रोफ्रेसर.. हमारी तो जिंदगी ही नरक बन गयी है इसके फेर में..! #पसाकोलोजि_भौजी की यह…
आत्माओं की अद्भुत दुनिया और भूतो प्रेतों का अस्तित्व, इस सीरीज में आपका फिर से स्वागत है! भूत प्रेत होते हैं या नहीं होते? इस तथ्य कि विवेचना से पहले, इन सब से पहले हमें यह जानना होगा कि…
ये महज एहसास की बात है उसे कभी भी महसूस कर लिया ! वह दूर होकर फिर भी , सदा पास ही रहा .. बिछड़ा ही कब मुझसे ? – रंजन कुमार
उसे रोने का हुनर आता था तो गुनाह कर के भी वो बेकसूर रहा ,. मुझमे खामोशियाँ गुनगुनाती थी तो बेगुनाही ही मेरा कसूर हुआ !! – रंजन कुमार
यादों को सिरहाने रख देता हूँ , ले जाना जब फुरसत पाओ ! क्या पता मै खोया हूँ ख्वाबों में, मुझसे मिलने जब तुम आओ !! मुझको सोते से नहीं जगाना , मै वक़्त की लोरी सुन सोया हूँ !…
सवाल तेरे ही जब तुझसे जवाब मांगेंगे , मै चुप रहा तो सब तुझसे हिसाब मांगेगे ! मेरी ख़ुद्दारी ही मुझको रोक देती है वरना, लोग तुझसे तेरे कर्मों की किताब मांगेंगे ! बहुत हुआ तमाम करते हैं किस्सा…
शादी का झाँसा देकर हमारे साथ इतने दिन..इतने महीने ..इतने साल ..से हमारा रेप किया और अब शादी से मुकर गया ..महिलाओं द्वारा पुरुषों पर लगाया जाने वाला यह एक आम मगर संगीन आरोप है जिसपर आज भी हर…
ओ पिता तर्पण तुम्हें.. चिर विश्राम करो तुम,, परमात्मा की गोद में, तुम शेष नहीं दुनिया में, मगर तुम्हारा अवशेष मुझमे जी रहा है … शिद्दत से ! खुद को देखता हूँ आईने में, और सोचता हूँ.. मैं ऐसा…
फादर्स डे की सुबह सुबहअर्जुन ने पूछा कर्ण से,किसे बधाइयाँ देगा आज तू ओ अंगराज..? कौन है तेरा पिता ? मालूम है क्या ? एक पल कर्ण सकपकाया, फिर हौले से मुस्कराया.. मैं सूर्य से पूछ लूँगा .. मेरे पिता का…
कहाँ तक तलाशोगे मेरा वजूद आखिर ? . बिछड़ के जर्रे जर्रे में बिखर गया हूँ मैं !! – रंजन कुमार