Hindi sad poetry : बेगुनाही ही मेरा कसूर हुआ – Ranjan Kumar

girl boy sitting together
उसे रोने का हुनर आता था 
तो गुनाह कर के भी
वो बेकसूर रहा ,.
मुझमे खामोशियाँ गुनगुनाती थी 
तो बेगुनाही ही 
मेरा कसूर हुआ !!
 
– रंजन कुमार

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