Ranjan Kumar

Ranjan Kumar

Founder and CEO of AR Group Of Institutions. Editor – in – Chief of Pallav Sahitya Prasar Kendra and Ender Portal. Motivational Speaker & Healing Counsellor ( Saved more than 120 lives, who lost their faith in life after a suicide attempt ). Author, Poet, Editor & freelance writer. Published Books : a ) Anugunj – Sanklit Pratinidhi Kavitayen b ) Ek Aasmaan Mera Bhi. Having depth knowledge of the Indian Constitution and Indian Democracy.For his passion, present research work continued on Re-birth & Regression therapy ( Punar-Janam ki jatil Sankalpanayen aur Manovigyan ). Passionate Astrologer – limited Work but famous for accurate predictions.

Emotional love poetry : वह सिर्फ सफ़र नहीं था हमसफ़र – Ranjan Kumar

girl boy sitting

वह सिर्फ  सफ़र नहीं था,  हमसफ़र .. युगों की थी  दास्ताँ अपनी ..! जिनके बीच की  राहें और चौराहे ,अब दस्तावेज हैं  आनेवाले  कल के लिए ..! तुम थे , मैं था , फिर हम थे .. और अब,  न तुम…

Hindi poetry on life : प्यार और स्नेह धारा है एक विद्युत् तरंग जैसा – Ranjan Kumar

girl meditating

प्यार और स्नेह धारा है एक विद्युत् तरंग जैसा .. निरंतर प्रवाहित है जो  समान तरंगदैर्ध्य से , सदृश तरंग दैर्ध्य के बीच , और अलौकिकता की भावना से ओतप्रोत अगर ये आलोकित है, और निस्वार्थ तरंगों में प्रवाहमान है अगर.. तो…

Heart felt tribute to a friend : एक जंगल है तेरी यादों का उससे गुजरूँ तो राह भूल जाता हूँ – Ranjan Kumar

two friends together

अरुण की पुण्यतिथि 22 मई पर विशेष – नमन और श्रद्धांजलि ..! ग्यारहवी के दो छात्र,दोनों की अटूट दोस्ती ..ए दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे वाली स्टाइल में ,१५ और १६ वर्ष की अल्हड उम्र और मारुति ८०० गाड़ी…! एक जो…

Spiritual emotional poetry: मार्ग पर बुद्धत्व के प्रियतम गए तुम

मार्ग पर बुद्धत्व के  प्रियतम गए तुम ,मुझको कहो मेरा मार्ग क्या  और अभीष्ट क्या ? मार्ग में आड़े क्यों आया पिता का फर्ज  और दायित्व भी पति का ? छोड़कर मझधार में  हमको अकेले बुद्धत्व क्या तुम पा सकोगे ? बूढ़े…

Emotional poetry : इस मुश्किल में कहते हो तुम्हें अकेला छोड़ दूँ – Ranjan Kumar

इस मुश्किल में कहते हो तुम्हें अकेला छोड़ दूँ , लड़ लोगे ..?ये लड़ाई  सिर्फ तुम्हारी है ? जो गुजरे हैं वक़्त संग संग .. और जो गुजारे हैं मिलकर साथ वक़्त हमने , ये उनकी मांग है साथ दूँ तेरा इस दौर में  तू चाहे…

बलात्कार की कानूनी सजा नाकाफी है – Ranjan Kumar

अपने सगे चाचा ने तीन साल की भतीजी के साथ किया दुष्कर्म ..यह हमारे बरेली की घटना है जो अभी अखबारों की सुर्खिओं में है यहाँ !   इतने कानूनों के वावजूद भी छोटी छोटी बच्चियों से बलात्कार नही रुक…

मैं ऐसा ही हूँ और ऐसा ही रहूँगा

सत्य और न्याय के सामने बात अगर आ जाये दो मे से एक चुनने को कोई व्यक्ति और उससे जुड़ा सबंध या फिर सत्य न्याय पथ.. तो उस किसी व्यक्ति  की फिर कोई मर्यादा नही मेरे लिए जो झूठा था!…

Hindi Love Poem : खुश्बू तेरी आयी है या कोई गुलिस्ताँ है यहाँ – Ranjan Kumar

balloons in the air

    खुश्बू तेरी आयी है या कोई गुलिस्ताँ है यहाँ ? नज़ारे बहके बहके हैं हवाएं महकी महकी हैं ! नया कुछ होनेवाला है मेरा दिल ये कहता है , परिंदे चहके चहके हैं घटायें बहकी बहकी हैं !…

Inspiring poetry : अप्राप्य सा कुछ भी नहीं है इस दुनिया में – Ranjan Kumar

girl alone in forest

अगर इंतजार हो शिद्दत से  तो कृष्ण .. आज भी होते हैं रुबरू ,हृदय मे वेदना हो मीरा सी  पुकार मे प्रेम का आधार तो हो ! अप्राप्य सा .. कुछ भी नहीं है इस दुनिया में , जो मिल…