कहाँ तक तलाशोगे वजूद मेरा ? – Ranjan Kumar

कहाँ तक तलाशोगे मेरा वजूद आखिर ? . बिछड़ के जर्रे जर्रे में बिखर गया हूँ मैं !! – रंजन कुमार
कहाँ तक तलाशोगे मेरा वजूद आखिर ? . बिछड़ के जर्रे जर्रे में बिखर गया हूँ मैं !! – रंजन कुमार
वह सिर्फ सफ़र नहीं था, हमसफ़र .. युगों की थी दास्ताँ अपनी ..! जिनके बीच की राहें और चौराहे ,अब दस्तावेज हैं आनेवाले कल के लिए ..! तुम थे , मैं था , फिर हम थे .. और अब, न तुम…
प्यार और स्नेह धारा है एक विद्युत् तरंग जैसा .. निरंतर प्रवाहित है जो समान तरंगदैर्ध्य से , सदृश तरंग दैर्ध्य के बीच , और अलौकिकता की भावना से ओतप्रोत अगर ये आलोकित है, और निस्वार्थ तरंगों में प्रवाहमान है अगर.. तो…
अरुण की पुण्यतिथि 22 मई पर विशेष – नमन और श्रद्धांजलि ..! ग्यारहवी के दो छात्र,दोनों की अटूट दोस्ती ..ए दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे वाली स्टाइल में ,१५ और १६ वर्ष की अल्हड उम्र और मारुति ८०० गाड़ी…! एक जो…
मार्ग पर बुद्धत्व के प्रियतम गए तुम ,मुझको कहो मेरा मार्ग क्या और अभीष्ट क्या ? मार्ग में आड़े क्यों आया पिता का फर्ज और दायित्व भी पति का ? छोड़कर मझधार में हमको अकेले बुद्धत्व क्या तुम पा सकोगे ? बूढ़े…
इस मुश्किल में कहते हो तुम्हें अकेला छोड़ दूँ , लड़ लोगे ..?ये लड़ाई सिर्फ तुम्हारी है ? जो गुजरे हैं वक़्त संग संग .. और जो गुजारे हैं मिलकर साथ वक़्त हमने , ये उनकी मांग है साथ दूँ तेरा इस दौर में तू चाहे…
अपने सगे चाचा ने तीन साल की भतीजी के साथ किया दुष्कर्म ..यह हमारे बरेली की घटना है जो अभी अखबारों की सुर्खिओं में है यहाँ ! इतने कानूनों के वावजूद भी छोटी छोटी बच्चियों से बलात्कार नही रुक…
सत्य और न्याय के सामने बात अगर आ जाये दो मे से एक चुनने को कोई व्यक्ति और उससे जुड़ा सबंध या फिर सत्य न्याय पथ.. तो उस किसी व्यक्ति की फिर कोई मर्यादा नही मेरे लिए जो झूठा था!…
खुश्बू तेरी आयी है या कोई गुलिस्ताँ है यहाँ ? नज़ारे बहके बहके हैं हवाएं महकी महकी हैं ! नया कुछ होनेवाला है मेरा दिल ये कहता है , परिंदे चहके चहके हैं घटायें बहकी बहकी हैं !…
अगर इंतजार हो शिद्दत से तो कृष्ण .. आज भी होते हैं रुबरू ,हृदय मे वेदना हो मीरा सी पुकार मे प्रेम का आधार तो हो ! अप्राप्य सा .. कुछ भी नहीं है इस दुनिया में , जो मिल…