Hindi poetry: वो कौए कौए भी न रहे

कुछ कौए हंस बनना चाहते थे , पर रंग कर अपने सफेद .. वक़्त की बारिश में धुल गए रँगे पंख , हंस तो बन न सके.. अब तो हालत ये कि वो कौए कौए भी न रहे !! –…
कुछ कौए हंस बनना चाहते थे , पर रंग कर अपने सफेद .. वक़्त की बारिश में धुल गए रँगे पंख , हंस तो बन न सके.. अब तो हालत ये कि वो कौए कौए भी न रहे !! –…
रक्त चूषक अक्सर लिजलिजे होते हैं , सर्व सुलभ और सर्व ब्यापक भी ! यथा जोंक ,चमोकन , खटमल , मच्छर , और कुछ इंसान भी …! इनके आस पास होने का एहसास ही अजीब लिजलिजेपन से भर देता है…
दुनिया के थपेडों से घायल हो ज़िस्म फिर भी, रूह की पाकीजगी को यूँ नूर से रौशन रखना ! रूह से जुड़े हों रूह के जो वो रिश्ते नहीं मरा करते , फिर मिलेंगे .. सफर में कहीं, अनंत के , चलते…
उधार का तेल और उधार की ही बाती है तेरे पास , तू बस टिमटिमाता रह !! मैं मशाल हूँ जितनी भी देर जला बस जलूँगा, और भरपूर रौशनी दूंगा ! मर मिटने से पहले इस घने कोहरे को भी…
मानवता की सेवा में गरीबों के लिए खुद को पूरी तरह से समर्पित कर देनेवाले दिल्ली यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ एस सी गर्ग की प्रेरणात्मक कहानी आज आपको बताता हूँ ! कुछ लोग जिंदगी में इतनी रौशनी बिखेर देते…
उसने दिल से ही पुकारा होगा … फिर दिल तक उसकी आवाज क्यों नहीं आयी…? या मैं इतना व्यस्त था कि उसे सुन न सका … या फिर पुकार इतनी धीमी थी कि मुझतक आते आते .. तरंगे हीं मर…
बाबा नीब करौरी जी महाराज ने आज भी,जैसा की उन्होंने अपने भक्तों से कहा था तब कृपा की दरिया नहीं समन्दर कृपा की बहा रखा है इस धरती पर ! यह अलग बात है कि अधिकतर लोग इस कृपा…
सटीक और सार्थक आलेख.. शायद कई बन्द आँखें खोल देने के लिए ही यह लिखा है आपने.. अन्याय बिल्कुल न सहें जवाब दें.. साभार माँ अनामिका आचार्या जब आप किसी के लिए भी सहजता से उपलब्ध हो जाते हैं तो…
चांदनी दुष्टा , कुलच्छिनी, ये बता …. देखती रहती है सब अपराध तू , मौन होकर .. होंठ सिलकर , पर नहीं देती गवाही सत्य की , तो फिर बता कैसे है सुंदर तू , और तेरी…
बाबा नीब करौरी जिनको नीम करौली बाबा के नाम से भी बहुत लोग जानते हैं वह जिसके साथ हों वह परेशान हो यह हो ही नहीं सकता ! परेशानी जिन्दगी में हो सकती है यह अनिवार्य हिस्सा है जीवन का…