Ranjan Kumar

Ranjan Kumar

Founder and CEO of AR Group Of Institutions. Editor – in – Chief of Pallav Sahitya Prasar Kendra and Ender Portal. Motivational Speaker & Healing Counsellor ( Saved more than 120 lives, who lost their faith in life after a suicide attempt ). Author, Poet, Editor & freelance writer. Published Books : a ) Anugunj – Sanklit Pratinidhi Kavitayen b ) Ek Aasmaan Mera Bhi. Having depth knowledge of the Indian Constitution and Indian Democracy.For his passion, present research work continued on Re-birth & Regression therapy ( Punar-Janam ki jatil Sankalpanayen aur Manovigyan ). Passionate Astrologer – limited Work but famous for accurate predictions.

Hindi Poetry : ठंढ से ठिठुरते गोरैये याद आते हैं – Ranjan Kumar

goraiya

जब दरख्तों पर कभी खडखडाहट होती है , फिर क्यों ठंढ से ठिठुरते गोरैये याद आते हैं .. याद आती हैं वो झुग्गियाँ भी , और फिर . अनगिनत बेबस आँखे सहमे सहमे से क्यों …? बमुश्किल ही मनुष्य कहे…

स्मृति शेष तीसरी पुण्यतिथि 08 Feb : सुप्रसिद्ध शायर जनाब (NIDA FAJLI) निदा फाजली साहब

Nida Fazli

अपने वालिद के मौत पर जनाब निदा फाजली साहब ने जो यह कविता लिखी थी इस कविता से मेरा पहला परिचय हुआ जनाब निदा फाजली साहब के साहित्य संसार से …   दो बार मिला निदा फाजली साहब से…पहली बार…

Hindi Poetry Love Poem : ये प्यार मोहब्बत धोखा है, इस धोखे से मैं डरता हूँ – Ranjan Kumar

crows

ये प्यार मोहब्बत धोखा है, इस धोखे से मैं डरता हूँ !   सच कहूँ , इसी उलझन के कारण  दूर ही अक्सर रहता हूँ !!   नहीं चाहता बनना टिशु पेपर  उपयोग करो और निपटा दो !   कुछ…

Hindi poetry : यही किस्मत है दीप की – Ranjan Kumar

Light in dark night

जलता रहा मैं रात भर चिराग बन बन के,अंधेरों में  पल पल हरपल सहर होने तक  बस तुझको राह दिखलाने के लिए ! अब जब सुबह की आभा  फूट रही है देखो दूर वातायन में .. बुझा ही तो दोगे तुम मुझे…

Hindi poetry : छोडो यार ये रोज रोज का ताना बाना – Ranjan Kumar

Truth and A Lie

तुझे नंगा सच पसंद नहीं , और मुझे … रेशमी जुमलों में लिपटा झूठ ! छोड़ो यार..  ये रोज रोज का ताना बाना , इस दोस्ती की बुनियाद बहुत जर्जर है , अब विपरीत दिशा में अपनी मंजिलें तलाशते हैं…

Hindi poetry : पथरा गयीं आँखे इस पथ को तकते तकते – Ranjan Kumar

    पथरा गयीं आँखे  इस पथ को तकते तकते , तुम फिर नहीं आए कभी  यहाँ बरसों से !   तेरे वादों की पोटली थी  जो मेरी धरोहर है , गुम हुयी है यहीं कहीं  तलाश में अब तक…

Hindi poetry on death and life : मृत्यु है उत्सव – Ranjan Kumar

Death should be celebrated as a festival

मृत्यु है उत्सव मनाओ ठाट से, ग़मगीन होने की जरुरत है कहाँ ? बस एक बार आता है यह त्योहार सा, मौका नहीं देता है फिर एक साँस का ! जिन्दगी में  जिन्दगी को जान लो..! फिर समझ आएगा ये…

Hindi Emotional poetry : कुछ चौराहे मेरा रास्ता निहारेंगे – Ranjan Kumar

Man swimming across road

कुछ चौराहे  मेरा रास्ता निहारेंगे ! मैं कब का  दफ़न हो चुका, ए दोस्त  उन्हें ये इत्तला करना ! वक़्त की  दहलीज पर कभी .. मिल जाएँ , जो क़दमों के  निशान मेरे .. मेरी मय्यत समझ  उस दिन वहीं…

friends_forever : रेत पर लिखी थी कभी रिश्तों की तहरीरें : Hindi love poetry – Ranjan Kumar

Friends Forever

रेत पर  लिखी थी कभी  हम सब ने  रिश्तों की तहरीरें… रेत फिसल गयी  रिश्ते बाकी हैं … कई बार  लिखते हैं जमीन पर रिश्तो की तहरीरें .. और फिर  न रिश्ते ही बचते हैं  न जमीन …. आ जाता है …