धड़कनों के स्पंदन को सुनना सन्नाटे से गुजर कर

धड़कती धड़कनों का स्पंदन, तुम्हें सब .. स…
धड़कती धड़कनों का स्पंदन, तुम्हें सब .. स…
जैसे ही देखने समझने का हमारा नजरिया बदल…
हर गलती की माफ़ी हो सकती है पर मेरी नजर …
मुसलसल हादसों का सिलसिला .. चलता रहा , …
पारिवारिक तानेबाने का एक अद्भुत सच बतात…
तेरा मिरा किस्सा भी कुछ यूँ तमाम हुआ ,…
सोचो हम .. इक दुसरे के कुछ इतने पास मे…
मेरे प्रकाशित काव्य संकलन अनुगूँज पुस्त…
मुंदती हुयी आँखों के चारो ओर सिमटती हुय…
चापलूसों और स्वार्थी लोगों के लिए कोई र…
मैंने अपने डॉ साहब को डॉ नही रहने दिया …
बिहार से हूँ मैं भी तो वहां की एक समस…
ये आंधियाँ बुझा न दें जलाये थे हमने चिर…
अब किसी साथ का वादा न कर ऐतबार नहीं होत…
ये कतरा कतरा जीवन जो भी जिया उन्हें सा…