Emotional Hindi love poetry : यादें कुछ होती हैं ऐसी – Ranjan Kumar
यादें कुछ होती हैं ऐसी , जिन्हें करीब सदा पाते हम ! इन यादों में लिपटी जाने , कितनी ही दुनियाएं बसती हैं ! – रंजन कुमार
यादें कुछ होती हैं ऐसी , जिन्हें करीब सदा पाते हम ! इन यादों में लिपटी जाने , कितनी ही दुनियाएं बसती हैं ! – रंजन कुमार
जबतक सुविधा हो, ठहर जाओ सफ़र लम्बा है , मोड़ कोई आएगा, तो कतरा कर निकल जाना ! साथ के भरम में , कट जाए सफ़र जितना कटे , अन्जाम गुलिस्ताँ का , आखिर है .. उजड़ जाना !! –…
जब सर जेटली ने बजट भाषण नही पढा इस बार BJP सरकार की तब बहुत कुछ अच्छा देखने को मिला न ..कार्यवाहक वित्तमंत्री पीयूष गोयल सर के पिटारे से .. निम्न मध्यवर्ग को केन्द्रित इसबार एक संतुलित वजट,जिससे समाज के…
सुबह, रोशनी की पहली किरण जब पड़ीं बालकनी में रखे उस काले गुलाब के फूल से लिपटीं उन ओस की बूंदों पर, . थोड़ी शर्मा सी गयी हो जैसे , वो एक ओस की बूँद आलिंगन में वादों के शायद..…
मत पूछना कभी किसी शाख पर, ठहरे ओस की बूंद से दर्द का मंजर, आखिर कैसा लगता होगा यूँ मुद्दतों आसमां की पलकों पर रहना.. और फिर एक दिन बस, यूँ ही अचानक इतनी ऊंचाई से गिरना..! – Vvk
पूरी गीता का संदेश महाभारत में सिर्फ इतना ही है कि अधर्म और अनीति पर चलने लगे लोगों के बीच खड़े होकर तुम मौन तमाशा मत देखो,उसका प्रतिकार करो ..जितना कर सको उतना प्रतिकार करो और देखोगे नियति तुम्हारे साथ…
सर्द रात में यूँ ही जो,ठिठुरते तारों को देखा जब आसमान में ,थम गए शोर तेरी यादों के चाँद, अचानक ही लहू जम जाए जिस सर्दी में ये किसने उतार कर बिछा दिए इन्हें जमीन पर उस सड़क किनारे बोलो ?चिथड़ो में लिपटे जिस्मों में ये नन्हें सितारे क्यों उतरे आखिर धरती पर…
ख़ुशी-औ-ग़म में जहां, महसूस न हो फर्क, वो जिंदगी है की, कुछ और है साक़ी??.. की हमसफ़र से..साथ की चाहत, उस हमनवा से फासला भी बेहद, क्यों कुछ उम्मीद भी इतनी.. ना-उम्मीद है साक़ी? की तेरे लौट आने की मिन्नतें,…
जब भी कभी, गजल में कोई चाँद को तन्हा लिखता है.. . आसमां का भी एक-एक सितारा, पूरी शिद्दत से, रोता होगा! – Vvk
अब तो अहसासों मे ही , रहता है वह सिमटा अक्सर ! दूर हुआ फिर भी , सदा पास रहा कब बिछड़ा मुझसे ? – रंजन कुमार