Hindi Poetry: चांदनी दुष्टा कुलच्छिनी ये बता – Ranjan Kumar December 11, 2019March 8, 2019 by Ranjan Kumar चांदनी दुष्टा , कुलच्छिनी, ये बता …. देखती रहती है सब अपराध तू , मौन होकर .. होंठ सिलकर , पर नहीं देती गवाही सत्य की , तो फिर बता कैसे है सुंदर तू , और तेरी ये प्रभा ? – रंजन कुमार