woman sitting alone
चांदनी
दुष्टा ,
कुलच्छिनी,
 
ये बता ….
देखती रहती है 
सब अपराध तू ,
 
मौन होकर ..
होंठ सिलकर ,
पर नहीं देती
गवाही सत्य की ,
 
तो फिर बता
कैसे है सुंदर तू ,
और तेरी ये प्रभा ?
 
– रंजन कुमार

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