Hindi Poetry : जब भी कभी कोई चाँद को तन्हा लिखता है ..

जब भी कभी, गजल में कोई चाँद को तन्हा लिखता है.. . आसमां का भी एक-एक सितारा, पूरी शिद्दत से, रोता होगा! – Vvk
जब भी कभी, गजल में कोई चाँद को तन्हा लिखता है.. . आसमां का भी एक-एक सितारा, पूरी शिद्दत से, रोता होगा! – Vvk
अब तो अहसासों मे ही , रहता है वह सिमटा अक्सर ! दूर हुआ फिर भी , सदा पास रहा कब बिछड़ा मुझसे ? – रंजन कुमार
वाह जिंदगी तेरे भी मैंने क्या खूब रंग देखे हैं . एक जख्म भरा नहीं, की तू दूसरे के साथ तैयार खड़ी होती है! – Vvk
आशंकाओं के बादल मंडराएंगे, तो भी ये यकीन रखना , . मोहब्बत में आजमाइश तो होगी पर जीतेंगे जरुर हम !! – रंजन कुमार
बीज बोए थे तुमने हृदय पर मेरे वो फसल लहलहाई खूब ..! खूब बाल आये प्रिय .. और अब तो ये पकने भी लगे हैं ..! बीज तुम्हारे थे जमीन मेरी थी आ जाओ अगर तो बंटवारा कर लें.. …
इन कुहासों में लिपटी , सुबह को देखो तो जरा .. मौसम बड़ा खुशनुमा है, पलकें तो खोलो .. कुछ कुहासे की बूंदें लाया हूँ मैं .. तुम्हारे लिए , ठंढे थे .. पर मेरे प्रेम ने गर्म कर दिया…
पसाकोलोजि भौजी की सबसे छोटकी बहिनी मैथ में बहुते तेज है! मैथ के उस्ताद फरोफ्रेसर जीजा ने ऐसी ट्यूशन दी है अपने पास ला के रात रात भर कि शिम्पिया दो और दो चार नही ,पाँच जोड़ना सीख गयी है..…
चाहते हो बाँट लेना सब गम मेरे तुम , पर किस तरह उपहार में आंसू तुम्हे दूँ ? संकोच में है मन मेरा दुविधा बड़ी है .. प्रेम का उपहार पहला पहला प्रिय अश्क कैसे दूँ तुम्हें ? – रंजन…
रास्ते दुश्वार हैं और तुम हो गाफिल , क्या तुझे यह पता है ? आधा-अधूरा ही कटा , तुझे उस सफ़र का वास्ता है,अब जगो… !! – रंजन कुमार
ये जिन्दगी भी ये क्या जिन्दगी है, जहाँ तोड़ती दम हर एक खुशी है ! बोझिल हवाएं कतरा के जाएँ, अरमान बिखरे हुए दिल के टुकड़े, फिर अंजुमन में खुशी क्या सजाएँ, यहाँ हर कदम मौत ही हमनशी है !…