इससे एससी एसटी एक्ट का पाप धुल गया जो बीजेपी ने किया है यह सोच के बीजेपी के प्रवक्ता चैनलों पर खूब मस्त हो रहे हैं ..मगर सच ऐसा नही है हुजूर ,अभी मंजिल बहुत दूर है ..
यह 10% आरक्षण मंजिल ही नही था,पूरी जातिगत आधारित आरक्षण व्यवस्था खत्म होनी चाहिए और यह केवल आर्थिक आधार पर ही होना चाहिए..और यह करने के लिए आनेवाले समय मे सरकारें विवश होंगी..!
मेरे निजी मत के अनुसार इस आरक्षण से 10% के किसी को कोई फायदा नही होना,इस कैटेगरी की कटऑफ सबसे ज्यादा जाएगी,जेनरल अनारक्षित से भी ज्यादा ..आगे देख लेना ..यह सिर्फ एक झुनझुना है सवर्णों को साधने के लिए और कुछ भी नही . मगर एक रास्ता भी है ये ..
पूरी बहस अब बदलेगी ..दलित पिछडो की नई कानूनी परिभाषा गढ़ी जाय,अब वह वक्त आ गया है ..!
यह पोस्ट राजनीतिक नही वल्कि सामाजिक मुद्दों पे है और राजनीतिक टिप्पणी से बचते हुए मुद्दों पर कमेंट करें अथवा पोस्ट को इग्नोर करें ..!